यदि किसी भी कार्य का प्रारंभ हनुमानजी जी की सन्निधि में होता है तो वह निर्विघ्न संपन्न होता है। मंगल कामना से प्रारंभ किया कार्य सुमंगल होता चला जाता है। हम सेवा, समर्पण और भक्ति के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं
तालिबानी आतंकियों ने पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली इलाके में 14 सुरक्षाकर्मियों की हत्या करने के बाद उनमें से 13 के सिर कलम कर उनमें से दो सिरों को खंभों पर टांग दिया।
सत्र 2012-13 में स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में 27 वर्ष से अधिक आयु के आवेदकों को प्रवेश नहीं मिलेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के इच्छुक आवेदकों को उम्र के बंधन में बांध दिया है। पिछले साल प्रवेश के लिए आयु सीमा का...
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नई दिल्ली द्वारा शोध को बढ़ावा देने हेतु एवं शिक्षकों की पात्रता निर्धारण करने हेतु राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का आयोजन वर्ष 1948 से किया जा रहा है। उक्त परीक्षा वर्ष में दो बार जून एवं दिसंबर माह में आयोजित की जाती है।...
आलू की टिक्की (Aloo Tikki )को विशेषतया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिक पसंद किया जाता है. आगरा में इसे आलू भल्ला (Aloo Bhalla) भी कहा जाता है. आप जब भी बाज़ार से गुजरते हैं तो क्या आपको देशी घी के भल्ले बना रहीं ठेलें अपनी ओर खींच नहीं लेतीं? आईये घर पर ही आलू भल्ला (Aloo Tikki Recipe) बनायें
आवश्यक सामग्री
- आलू - 500 ग्राम (8-10आलू)
- ब्रैड - 4, या एक चौथाई कप अरारोट
- हरी मटर के दाने -एक कप
- धनियाँ पाउडर - आधा छोटी चम्मच
- अमचूर पाउडर - एक चौथाई छोटी चम्मच
- गरम मसाला - एक चौथाई छोटी चम्मच
- लाल मिर्च - एक चौथाई छोताई छोटी चम्मच (यदि आप तीखा खाते हैं)
- नमक - स्वादानुसार (एक छोटी चम्मच)
- रिफाइन्ड तेल या देशी घी - 3 -4 टेबल स्पून
विधिआलू को अच्छी तरह से धो कर कुकर में उबलने रख दीजिये, मटर के दाने दरादरा पीस लीजिये, इसके बाद कढ़ाई मे एक टेबिल स्पून तेल डालिये . तेल गरम हो जाय तब उसमें धनियाँ पाउडर डाल दीजिये , इनके भुनने के बाद इसमें पिसी हुयी मटर , नमक, अमचूर पाउडर, लाल मिर्च, गरम मसाला डाल दीजिये. इसको कलछी की सहायता से मिलाइये और 2-3 मिनिट तक भूनिये. यह टिक्की के अन्दर भरने के लिये पिठ्ठी तैयार हो गयी है(मटर की पिठ्ठी बिना भूने भी बनाई जाती है).
आलू ठंडा करके छील लीजिये और कद्दूकस कर नमक मिला लीजिये. ब्रैड को मिक्सी में पीस कर पाउडर कर लीजिये और आलू में मिलाकर आटे की तरह गूंथ लीजिये, गुथे आलू से 8 बराबर के टुकड़े तोड़िये, इसी तरह पिठी के भी 8 बराबर के भाग में बाँट लीजिये.
आलू को हाथ में रखिये और बीच से गड्डा बना कर उसके अन्दर पिठ्ठी रखिये, पिठ्ठी को चारों ओर से आलू से बन्द कर दीजिये और गोल कर लीजिये, गोले को हथेली से दबाकर चपटा कर लीजिये.सभी गोले इसी तरह भरकर चपटे कर लीजिये, गैस पर तवा रख कर गरम कीजिये, गरम तवे पर एक टेबल स्पून तेल डाल दीजिये, तेल को तवे पर चारों ओर फैलाइये, सारी टिक्की या तवे पर जितनी टिक्की आ जायं, सिकने के लिये लगा कर रख दीजिये, धीमी आग पर आलू टिक्की सेकिये, बचा हुआ तेल टिक्कियों के चारों ओर डाल दीजिये और टिक्कियों को कलछी की सहायता से पलट कर, दोनों ओर से ब्राउन होने तक सिकने दीजिये. आलू की टिक्की तैयार हैं.
आलू की एक या दो टिक्की प्लेट में निकाल कर रखये. टिक्की के ऊपर हरी चटनी, मीठी चटनी डालिये और ऊपर से चाट मसाला और फैटा हुआ दही भी डालिये. गरमा गरम आलू की टिक्की परोसिये और खाइये.
एक बार घोंचूजी की खूबसूरत बहन को जंगल के कुछ डाकू उठा कर ले गए।
पोंचूजी ने सलाह दी और कहा - देखो! डाकू बहुत ही खतरनाक हैं, अपनी बहन को बचाने खाली हाथ मत निकल जाना।फिर क्या था...! घोचूजी ने न कुछ सोचा न कुछ समझा, पांच किलो आम की टोकरी ली और चले गए।